Friday, November 19, 2021

Happy birthday

 होठों पर मुस्कान रहे और जीवन में खुशहाली हो।

महके महके फूल खिलें हर ओर तेरे हरियाली हो।
जन्म दिवस की ढेर बधाई अन्तस् की गहराई से,
होली सा हर दिन हो तेरा हर रात तेरी दीवाली हो।१

बड़े बैलून ब्ल्यू रंग के हवा में फोड़कर आए।
जनम दिन की मुबारकबाद भी दिल खोलकर लाए।
कभी मिलना तुम्हें भी हम कसम से पार्टी देंगें,
अकेले  याद  में  तेरी  समोसे  तोड़कर  आए।।२

तुम्हारी याद न आई हो ऐसा कौन सा दिन था,
तुम्हारी याद लेकिन आज मुझे भरपूर आई है।
ख़ुशी का पल सजा आलम तमन्ना न अधूरी हो,
जनमदिन की मुबारक़बाद बधाई हो बधाई है।।३

सदा खुशियों की दुनिया मे तुम्हारा बसेरा हो।
सुहानी हो शाम महकता हर एक सवेरा हो।
जन्मदिवस कुछ इस तरह मुबारक हो सुमित,
बनो चमन के फूल तुम्हें खुशबुओं ने घेरा हो।।४

मन शांत रहे हिमगिरि जैसा।
तन महके तेरा सन्दल सा।
यश कीर्ति बढ़े अम्बर जैसी,
हो निर्मलता गंगा जल जैसा।।५

सितारों से भरा आंगन महकती रात देनी है।
चमन के फूल तुम मेरे तुम्हे सौगात देनी है।
तुम्हारे व्यस्त जीवन से कुछ पल सुमित दे दो,
जनम दिन की तुम्हें प्यारे मुबारकबाद देनी है।।६

चमकता चांद सा चेहरा हँसी से फूल खिल जाए।
तेरी गहरी सी आंखों से समंदर खुद लजा जाए।
केश  तेरे  घने  काले  घटा  के  रूप  लगते  हैं,
सुरीला कंठ कोयल सा गज़ल बोली से बन जाए।।७

आना  मुबारक़ हो  तुझे जाना  मुबारक़ हो।
प्यार का  हर  एक अफ़साना  मुबारक़ हो।
तोहफ़े  में  तुम्हें  देने  तुम्हारे गीत  लाया हूँ,
जनमदिन पर तुझे मेरा नज़राना मुबारक़ हो।।८

Friday, March 5, 2021

शायद

 हां मैं इसी क़ाबिल हूं, 

शायद

मैं अब उपालम्भ के ही लायक हूं

मैं स्वार्थ की परिभाषा नहीं जान सका

व्यर्थ और अर्थ की भाषा नहीं जान सका

मैं बस अपना ही सोचता हूं, पता नहीं

पर तुमने कहा है तो सच ही होगा

सच ही होगा कि मैं बहुत गलतियां करता हूं

सो अच्छा किया जो तुमने किया

अच्छा ही कहा जो तुमने कहा

Thursday, February 4, 2021

लो तुमने कर ली मुझसे बात

 लो तुमने कर ली मुझसे बात

मन सरोज बेमौसम खिल गया महक उठे जज़्बात

जो तुमने कर ली मुझसे बात

हां तुमने कर ली मुझसे बात


एक प्रतीक्षा में दिन बीते कल परसों और बरसों

प्रेम के घन घिर फिर छाए है फिर से मेघा बरसो

स्वप्न तुम्हारे नयन हमारे देख रहे दिन रात

लो तुमने कर ली मुझसे बात


प्रीत गगन में चंचल चंदा चलता चला अकेला

एकाकी मन में यादों का पुनि पुनि लगता मेला

शहद संलिप्तित बोल तुम्हारे दे गए नयी सौगात

लो तुमने कर ली मुझसे बात


याद तुम्हें भी तो कुछ होंगी भूली बिसरी यादें

अधरों पर आकर रुक जाती होंगी मन की बातें

न कहकर भी कह देते हो हूं 'सुमित''तुम्हारे साथ

लो तुमने कर ली मुझसे बात


गंध तुम्हारे तन की संग संग पवन बहाकर लाई

तेज तुम्हारे रूप से लेकर भोर किरण मुस्काई

फूल खिले उपवन मुस्काए कोयल छेड़े राग

लो तुमने कर ली मुझसे बात