Thursday, January 31, 2019

नित प्रेरणा का संगम और हर्ष दे तुम्हे।

                         Sumit patel

                 
नित प्रेरणा का संगम और हर्ष दे तुम्हें।l
जग में अनेक खुशियाँ नव वर्ष दे तुम्हें।।

सूरज की चमक संग संग चन्दा का रूप हो,
तारों से सजा आंगन अम्बर स्वरूप हो,
हो चांदनी का साया न गम की धूप हो,
अनुकृति रहे असम्भव अनुपम अनूप हो,
मान संग प्रसिद्धि उत्कर्ष दे तुम्हें।
जग में अनेक खुशियां नव वर्ष दे तुम्हें।

चितवन में बाँकपन और चेहरा ग़ुलाब हो,
फूलों को लजाता हुआ यौवन शबाब हो,
होंठों की हंसी तेरी नित लाज़वाब हो,
हो शायरी मेरी तुम शायर का ख़्वाब हो,
तन मन में दे मधुरता प्रहर्ष दे तुम्हें।
जग में अनेक खुशियां नव वर्ष दे तुम्हें।।

Sunday, January 27, 2019

तुम्हारा अहसास ही जुबाँ पर मेरे गीत बनकर आया था।

                              Patel Sumit


केवल तुम्हारी यादों में मैं रोया और गाया था।
वक़्त गणतंत्र का और मैं कितना घबराया था।

उधर जाकर नज़र भर आती थी जहाँ तुम बैठी थी पहले,
अबके तुम नहीं हो बड़ी मुश्क़िल से दिल को समझाया था।

कभी इसपर कभी उसपर हर गाने पर नचाया लोगों ने,
मैं नाचता गया बेहिचक तेरा गम मैंने लोगों से छिपाया था।

बिना तेरी तालियों के मेरा शायरी पढ़ना आसान नहीं था,
मग़र जैसे तैसे तेरी यादों में मैंने कुछ गीत भी गाया था।

मैंने महसूस किया मानो हर शायरी पर तुम मचलती हो,
तुम्हारा अहसास ही जाना जुबाँ पर गीत बनकर आया था।

Friday, January 18, 2019

जिंदगी को ज़न्नत बना गया।

Sumit patel


                                  (१)
पहली कक्षा में सुना था दुनिया गोल है,आज यकीन हो गया।
जिस मोड़ पर छोड़कर गया था कोई उसी पर आकर मिल भी गया।।

                                 (२)
ऐ जमाना सबकुछ लूट ले मत फ़िकर कर कि कंगाल हो जाऊंगा मैं,
बस मेरी मोहब्बत में दरार ना डालना हद से ज्यादा मालामाल हो जाऊंगा मैं।।

                               (३)
ख़ता हुई है मुझसे तो मुआफ़ करना मुझे मेरे हमदम,
तेरी आवाज़ सुनकर ख़ुशी से पागल जो हो गया था।
फ़िर भी नाराज़ है तो इतना बता के जाना मेरे साथी,
तुझसे थैंक यू बोलने का मेरा हक़ कब  खो गया था।।

                                (४)
किसीको तो मुबारक़बाद देना था मुझे मेरी खुशयों पर,
मेरी ख़ुशी पर दाद देने को आँख से आंसू निकल आए।।

                                   (५)
ऐ ख़ुदा तेरा करिश्मा कहूं या अपनी मोहब्बत की तड़प का असर,
बस एक पल में किसी ने ज़िन्दगी को ज़न्नत बना दिया।।

                            (६)
उनके क़दमों को लिपटकर चूम लेने की तमन्ना है,
जिन्होंने कहा था कि सब्र का फल मीठा होता है।।

                             (७)
ये जो बात है कि मारने से बचाने वाला बड़ा होता है।
सच है मग़र मन में इस कहावत पर प्रश्न खड़ा होता है।
टूटा  दिल  लेकर  जीने से  मर जाना  कहीं  बेहतर है,
बचाने वाले से ज्यादा दिल को जोड़ने वाला बड़ा होता है।।

                                (८)
वो आदमी जो किसी एक के लिए दुनिया से लड़ जाता है,
जब वही एक उससे रूठ जाए कसम से जीते जी मर जाता है। 

                                (९)
सुमित" मोहब्बत की शिददत में अब भी कुछ कमी है शायद,
वरना वो मुझसे बात करने से पहले अपना परिचय नहीं देते।।

                               (१०)
जितना देखा, सोचा, जाना मैंने तो बस तुझे ही लिखा,
अब ये किसी से न कह देना कि मेरी शायरी ख़राब है।।


Thursday, January 17, 2019

बिछड़े यार को.......मैं वचन......... आया हूँ


                         Sumit patel


उसके तन की ख़ुशबू मन में समेट के लाया हूँ।
मेरे महबूब की निंगाहों में मैं डूब के आया हूँ।

मेरे चेहरे की चमक को मत पूछ मेरे हमदम,
बिछड़े यार को बड़े करीब से देख के आया हूँ।

माना कि उससे जो कहना था,कह न सका ,
मगर कुछ फेक के और कुछ लपेट के आया हूँ।

जिसकी ख़बर के लिए शामोसहर बेख़बर रहता था,
उससे खुद ही मैं उसका हाल-चाल पूछ के आया हूँ।

उदासी,निराशा,हताशा,बेचैनी,घबराहट में फंसा था,
उसकी मुस्कान के मरहम से सारे जख्म भरके आया हूँ।

वो गुस्से में है,रूठा है कि ख़फा है मुझसे,
मैं भरम में था,भरम सारे तोड़ के आया हूँ ।

इबादत किया है इबादत ही करूंगा ये वचन है तुमसे,
ये मेरा वचन ही मैं तेरे कदमों में छोड़ के आया हूँ।


Tuesday, January 15, 2019

ऐ कलम तू......लगती है

                        Sumit patel     


कलम आज तो तू बहोत मचलती है
शब्द शब्द में ख़ुशबू पहनकर निकलती है
उछलती है नाचती महकती है शरमाती है
मैं भी हैरान हूं तू क्या बताना चाहती है
कभी शाम सुहानी लिखती है
कभी लहरों की रवानी लिखती है
कभी लिखती है आँखों में पानी
कभी परियों की कहानी लिखती है
सूरज बरफ़ है,
चन्दा धूप देगा,
पानी में आग सकेंगें,
घर नहीं राहें बुहारना है,
फूल तोड़कर सड़कों पर बिखेरना है,
पांव नहीं सर के बल चलना है,
कुछ कहना नहीं बस मौन रहना है,
कितनी बड़ी गड़बड़ी में है,
शायद तू हड़बड़ी में है,
इतराना तो ठीक मग़र मग़रूर लगती है।
ऐ कलम तू किसीके नशे में चूर लगती है।

Monday, January 14, 2019

मकर संक्रांति मंगलमय हो

                        Sumit patel     




चेहरे पर तेज़ यौवन में कान्ति हो।

महकता जीवन हृदय में शांति हो।

भविष्य में नए अवसर की क्रांति हो,

मंगलमय आपको मकर संक्रांति हो।।

मसला ये नहीं.....

                         Sumit patel.     


तन्हा ज़िन्दगी के सवालों का जवाब देखा था।
तुम्हारी आँखों में मैंने इश्क़ का सैलाब देखा था।

फ़ुरसत से मिलने की तुम्हें फ़ुरसत हो तो बताऊँ,
ख़्वाबों में भी मैंने बस तेरा ही तेरा ख़्वाब देखा था।

मेरे इश्क़ के ज़ुनून को अब जिद कहते हो,याद करो,
इसीको मैंने तेरी,तूने मेरी आँखों में बेहिसाब देखा था।

मसला ये नहीं कि तुम मुझको भूल क्यों गए"सुमित",
मसला ये है कि तुमने मुझमें क्या क्या खराब देखा था।।


Saturday, January 12, 2019

सोचता हूँ असल में मरने का तजुर्बा किया जाए।

                       SUMIT patel


अब जिंदगी कुछ इस तरह से जिया जाए।
घावों पर नमक की जगह मरहम दिया जाए।

कौन जाने ज़ख्मों को शायद भर ही डाले,
चलो वक़्त को कुछ वक़्त तो दिया जाए।

उसके बिछड़ने का गम है पर मलाल नहीं,
मुनासिब नहीं है इश्क़ पर मलाल किया जाए।

पंख पर उंगली उठाने से पहले जरूरी है,
परिंदे को उड़ने का मौका तो दिया जाए ।

तुम अगर खुश हो मुझसे दूर रहकर जीने में,
मेरे लिए जरूरी है तेरी मर्जी से जिया जाए।

सुनो! मेरे बाद मेरे सारे गीत तुम्हारे अपने होंगे,
समय आ गया है तुम्हारे नाम वसीयत किया जाए।

तुम्हारे इश्क़ में तो कई दफ़ा मर चुके हैं "सुमित",
सोचता हूं असल में मरने का तजुर्बा किया जाए।

Sunday, January 6, 2019

ये पहली साल की बारिश मुबारक़ हो तुझे हमदम।

                         Sumit patel


नये इस साल का हर पल मुबारक हो तुझे हमदम।
सुहाना सा नया मौसम मुबारक हो तुझे हमदम।
मुबारक हो तुम्हें प्यारे सुनहरा फूल सा जीवन,
ये पहली,साल की बारिश मुबारक़ हो तुझे हमदम।।

नूतन वर्ष का मौसम फुहारें साथ लाया है।
तुम्हारें साथ बीते पलों की याद लाया है ।
बड़ी उम्मीद थी तुमसे मुबारकबाद की मुझको,
तुम्ही ने है इसे भेजा मुबारक़बाद लाया है।।

गरज़ मेरी गरजकरके तुम्हें बादल सुनाता है।
मेरी आँखों के आँसू हैं ये अम्बर जो लुटाता है।
बिजली तड़पती है ज़िगर पर वार करती है,
तुम्हारी याद के किस्से मुझे मौसम सुनाता है।।

Tuesday, January 1, 2019

Happy new year to you



वक़्त को तराजू पर तोल न सका।
रिश्तों में पड़ी गांठे मैं खोल न सका।
बड़ा वाला हैप्पी न्यू ईयर हो तेरा,
ये बोलना था तुमसे मैं बोल न सका।।

अपने दिल पे उसका सवाल लिख दिया।
ज़िन्दगी में फ़िर से बवाल लिख दिया ।
आगे पढ़ो कहानी ख़तम है नहीं अभी,
उसके ही नाम हमनें नया साल लिख दिया।

तेरे बग़ैर दिल का बुरा हाल लिख दिया।
लोगों ने कहा मैंने कमाल लिख दिया।
रोने का सिला जब भी कोई पूछने लगा,
आँखों से आँसू पोछकर रुमाल लिख दिया।।

ख़ुशबू के जहां में तेरा संसार लिख दिया।
फूलों की वादियों में घर-बार लिख दिया।
उम्मीद हो विस्वास हो तुम जिद हो हमारी,
तेरे लिए ही दिल का सारा प्यार लिख दिया।।

Happy new year to you


मेरी आँखों में दिखता हो वो सच्चा हाल कह देना।
नहीं सम्भव अगर है आज तो तुम काल कह देना।
मेरी कविता को सुनने वालों तुम पर कर्ज़ है मेरा,
कभी तुमसे मिले उसको मुबारक साल कह देना।

वफ़ादारी ,भरोसे की कमाई साथ ले करके।
चले आओ नूतन वर्ष कुछ विस्वास ले करके ।
नये नम्बर से कोई कॉलआई तो लगा मुझको,
तुम्हारा फ़ोन आया है बधाई साथ ले करके ।

दिनकर उदित होकर सुबह जब व्योम में जाना।
जाना खुली छत पर वहां जाकरके रुक जाना।
सुनो सूरज मेरी जाना कभी छत पर जो आ जाए,
किरणों से बधाई दे उन्हें स्पर्श कर आना ।।

सितारे संग में लेकर वो बड़ा इतराके आया था।
चमकता चाँद मेरे पास ज़रा इठलाके आया था।
उसीसे कह दिया मुबारक़बाद मेरे यार को देना,
गगन का चाँद मेरे चाँद से शरमाके आया था।।