Thursday, November 19, 2020

जनम दिवस की मंगलकामनाएं


शुभकामनाएं जन्मदिन की

देनें की आरजू है

सपनों में तुम्हे खोजने की

अपनी ज़ुस्तज़ू है

ये दिन मेरे लिए खास है

मुझे जिंदगी का एहसास है

वो दूर है नजरों से भले ही

मगर दिल के बहुत पास है

आजके दिन मेरी जिंदगी की 

खुशियों ने जन्म लिया है

So thank you GOD

कितने गीत लिखूं मैं तुमपर

कितने शेर सुनाऊं मैं

जनम दिवस की आज बधाई

तुम तक यूं पहुँचाऊँ मैं

मिले अमरता स्वर्ग के जैसी

जीवन में खुशहाली हो

होली सा हर दिन हो तेरा

रात तेरी दीवाली हो

महकी कली बनो उपवन की

माली बनकर आऊं मैं

जनम दिवस की आज बधाई

तुम तक यूं पहुँचाऊँ मैं

खुले गगन में पंख पसारो 

उड़कर नभ तक जाओ तुम

हर एक सफलता कदम चूम ले

जो चाहो वो पाओ तुम

डग में रख दो पग तुम अपने

राहों में बिछ जाऊं मैं

जनम दिवस की आज बधाई

तुम तक यूं पहुँचाऊँ मैं

चंचल चितवन रूप तुम्हारा

परी लोक की रानी हो

पागल मन ये पूछ रहा है

तुम किसकी दीवानी हो

आंखों में हो रूप तुम्हारा

फिर चाहे मर जाऊं मैं

जनम दिवस की आज बधाई

तुम तक यूं पहुंचाऊं मैं

होठों पर मुस्कान रहे और जीवन में खुशहाली हो।
महके महके फूल खिलें हर ओर तेरे हरियाली हो।
जन्म दिवस की ढेर बधाई अन्तस् की गहराई से,
होली सा हर दिन हो तेरा हर रात तेरी दीवाली हो।१

बड़े बैलून ब्ल्यू रंग के हवा में फोड़कर आए।
जनम दिन की मुबारकबाद भी दिल खोलकर लाए।
कभी मिलना तुम्हें भी हम कसम से पार्टी देंगें,
अकेले  याद  में  तेरी  समोसे  तोड़कर  आए।।२

तुम्हारी याद न आई हो ऐसा कौन सा दिन था,
तुम्हारी याद लेकिन आज मुझे भरपूर आई है।
ख़ुशी का पल सजा आलम तमन्ना न अधूरी हो,
जनमदिन की मुबारक़बाद बधाई हो बधाई है।।३

सदा खुशियों की दुनिया मे तुम्हारा बसेरा हो।
सुहानी हो शाम महकता हर एक सवेरा हो।
जन्मदिवस कुछ इस तरह मुबारक हो सुमित,
बनो चमन के फूल तुम्हें खुशबुओं ने घेरा हो।।४

मन शांत रहे हिमगिरि जैसा।
तन महके तेरा सन्दल सा।
यश कीर्ति बढ़े अम्बर जैसी,
हो निर्मलता गंगा जल जैसा।।५

सितारों से भरा आंगन महकती रात देनी है।
चमन के फूल तुम मेरे तुम्हे सौगात देनी है।
तुम्हारे व्यस्त जीवन से कुछ पल सुमित दे दो,
जनम दिन की तुम्हें प्यारे मुबारकबाद देनी है।।६

चमकता चांद सा चेहरा हँसी से फूल खिल जाए।
तेरी गहरी सी आंखों से समंदर खुद लजा जाए।
केश  तेरे  घने  काले  घटा  के  रूप  लगते  हैं,
सुरीला कंठ कोयल सा गज़ल बोली से बन जाए।।७

आना  मुबारक़ हो  तुझे जाना  मुबारक़ हो।
प्यार का  हर  एक अफ़साना  मुबारक़ हो।
तोहफ़े  में  तुम्हें  देने  तुम्हारे गीत  लाया हूँ,
जनमदिन पर तुझे मेरा नज़राना मुबारक़ हो।।८

खुशयों का खज़ाना हो,होठों पे तराना हो।
साथी तू जहां जाए, क़दमों में जमाना हो।।

सब रिश्ते सुन्दर हों, कभी दूर न अपने हों।
जो तुमने  कभी देखे, पूरे  हर  सपनें  हों ।।

हर शाम सुहानी हो, परियों की कहानी हो।
गम  दूर  रहें तुमसे, हँसती जिन्दगानी हो।।

बहकी  पुरवाई हो, ख़ुशबू  संग लाई हो ।
तू कदम जहां रख दे,महकी अंगनाई हो।।

चमके से सितारे हो, हर आँख के तारे हो।
दुनिया भी  मानेगी, तुम  जग से न्यारे हो।।

हर रात दिवाली हो, पूजा की थाली हो ।
होंठों से कही तेरी, हर बात निराली हो ।।

फूलों में बसेरा हो,कलियों का घनेरा हो।
सूरज की किरन के संग, दूर अँधेरा हो।।

पल पल में मस्ती हो,तेरी पलकें हँसतीं हो।
हर खुशियां बसें जाकर,जहां तेरी बस्ती हो।।

रंगीन  नज़ारा  हो, उल्फत  का सहारा हो।
चाहत के  बगीचे में, हर फूल  तुम्हारा हो।।

गुलज़ार गुलिस्तां हो,तेरे मन में सरसता हो।
अमृत से भरा बादल,छा करके बरसता हो।।

सुन्दर  से  नज़ारे हों, मौसम  में बहारें हों ।
मैं  गाऊं  जितने भी, हर गीत  तुम्हारे हों।।

Thursday, August 27, 2020

बस आपके लिए

 बस आपकेलिए

इस तरह हम वफ़ाएं निभा जाएंगें,
तुम कभी भी बुलाओ चले आएंगें।
ज़िन्दगी में तुम्हारी ख़ुशी के लिए ,
जो भी करना पड़े कर गुज़र जाएंगें।।

तेरी  चाहत में  हद  से गुजर  जाएंगें ,
देखना तुम कभी हम भी याद आएंगें।
आईने में कभी खुद को देखोगी जब,
तेरी  सूरत  में भी  हम  नज़र आएंगें।।

छोड़कर तेरे दर को किधर जाएंगें,
तुम जो ऐसे करोगे तो मर  जाएंगें।
मेरा तुझपर है  साथी भरोसा बहुत,
देख लो तुम पलट कर सँवर जाएंगें।।

देखो अरमां संजोकरके हम लाएं हैं,
तेरी यादों  को  रोकरके हम गायें हैं।
यूं न  रूठो चलो  मान जाओ प्रिय ,
हम  तुम्हीं को  मनाने चले आयें हैं।।

तेरी चाहत के बादल सनम छायें हैं,
मेरी आँखों से आंसू निकल आयें हैं।
तुम जो चाहो मैं कर दूँ समर्पित तुम्हें,
गीत  जितने  तुम्हारे  लिए  गायें  हैं।।

होंठ ख़ामोश मन से नजऱ कह गई,
नदी कुछ तो ठहरती लहर  बह गई ।
जीत  कि हार हो, सब गंवारा किया,
जान कब  की गई ज़िन्दगी रह गई ।।

देखो जोरों से चलती हवा कुछ कहे,
किससे मिलने को इतनी आतुर बहे।
आसमां में ये उड़ते जो बादल चलें ,
तुम सुनों, तुमसे  मेरी  कहानी कहें।।
 

खुशयों का खज़ाना हो,होठों पे तराना हो।
साथी तू जहां जाए, क़दमों में जमाना हो।।

सब रिश्ते सुन्दर हों, कभी दूर न अपने हों।
जो तुमने  कभी देखे, पूरे  हर  सपनें  हों ।।

हर शाम सुहानी हो, परियों की कहानी हो।
गम  दूर  रहें तुमसे, हँसती जिन्दगानी हो।।

बहकी  पुरवाई हो, ख़ुशबू  संग लाई हो ।
तू कदम जहां रख दे,महकी अंगनाई हो।।

चमके से सितारे हो, हर आँख के तारे हो।
दुनिया भी  मानेगी, तुम  जग से न्यारे हो।।

हर रात दिवाली हो, पूजा की थाली हो ।
होंठों से कही तेरी, हर बात निराली हो ।।

फूलों में बसेरा हो,कलियों का घनेरा हो।
सूरज की किरन के संग, दूर अँधेरा हो।।

पल पल में मस्ती हो,तेरी पलकें हँसतीं हो।
हर खुशियां बसें जाकर,जहां तेरी बस्ती हो।।

रंगीन  नज़ारा  हो, उल्फत  का सहारा हो।
चाहत के  बगीचे में, हर फूल  तुम्हारा हो।।

गुलज़ार गुलिस्तां हो,तेरे मन में सरसता हो।
अमृत से भरा बादल,छा करके बरसता हो।।

सुन्दर  से  नज़ारे हों, मौसम  में बहारें हों ।
मैं  गाऊं  जितने भी, हर गीत  तुम्हारे 

तुम मुझसे पूछते हो मोहब्बत में कोई नाम दिया था उसने
हां मुझको याद है मुझे इक बार सेल्फ़िश कहा था उसने
मोहब्बत के रस्मोरिवाज को शायद मैं जानता नहीं था मगर
मैं बीमार था सुमित घर जाकर आराम करो, कहा था उसने

कभी तुम मिलो मुझसे टॉम रैमजे की कहानी सुनाऊंगा तुम्हे,
दाँत से कूची कलम काटकर फेका कलावा दिखाऊंगा तुम्हें
तुम तुम मेरी ज़िन्दगी में तो नहीं मगर मेरी जिंदगी तुम ही हो
ज़िन्दगी ज़िन्दगी तुझसे वादा है ज़िन्दगी भर निभाऊंगा तुम्हें

झुकती पलकों के सवालों का जवाब कैसे दूं
ज़िगर से रूह में उतरी मोहब्बत का हिसाब कैसे दूं
बेला चमेली गुलाब इन तमाम फूलों की रंगत है वो
उसे तोहफे में 'सुमित' अब अकेला गुलाब कैसे दूं

दिल की धड़कन आंखों का नूर हुआ करते थे
उसका गुरूर मोहब्बत का सरूर हुआ करते थे
वो मुझे गुस्से में पत्थर कह गया होगा सुमित
उसके लिए तो हम कोहिनूर हुआ करते थे

थोड़ा साहस, इतना कह दो
तुम प्रेम-लोक की रानी हो
जीवन के मौन रहस्यों की
तुम सुलझी हुई कहानी हो।

तुममें लय होने को उत्सुक
अभिलाषा उर में ठहरी है
बोलो ना, मेरे गायन की
तुममें ही तो स्वर-लहरी है।

होंठों पर हो मुस्कान तनिक
नयनों में कुछ-कुछ पानी हो
फिर धीरे से इतना कह दो
तुम मेरी ही दीवानी हो।

इधर को आया उधर गया वो
कहां को जाना किधर गया वो
कभी मोहब्बत कभी शायरी
मुझे लगा कि सुधर गया वो
उधर तुम्हे कुछ ख़बर नहीं है
इधर तुम्हीं पर मर गया वो
सही में हमदर्द अगर हो मेरे
उधर चलो तुम जिधर गया वो
तुम्हारी चाहत में टूटकर तो
बिखरना था पर निखर गया वो

कैसी भी कठिन परीक्षा हो निज साहस को मत खोना तुम
नरवसता के हीन विचारों से किंचित भयभीत न होना तुम
पथ कठिन जरा है तो क्या?तुम लक्ष्य भेदने निकले हो
संकल्प की मिट्टी में हर क्षण विश्वास के दाने बोना तुम

कई वादे कई कसमें कई रस्मों को तोड़ा है
नई मंजिल की चाहत में कई राहों को मोड़ा है
उठो थोड़ा सज़ग होकर तुम्हे आगे को जाना है
इसी खातिर सुमित तुमने भरा परिवार छोड़ा है

तेरा वो रूप प्यारा सा भुलाऊं तो भला कैसे
तेरे कुछ गीत हैं तुझको सुनाऊं तो भला कैसे
सुमित यादें जगाती हैं तेरी अब रातभर मुझको
तुझे सपनों की दुनियां में बुलाऊं तो भला कैसे

तेरी यादों के सहारे एक ज़माने से जिन्दा हूं
आज भी बस तेरी मोहब्बत का नुमाइंदा हूं
लगता है तुम्हें मेरी जरूरत सी हुई है सुमित
मगर मैं दूर हूं तुमसे इस बात से शर्मिन्दा हूं

अभी तुमसे हमे बस ये बात कहना है
अहसास में हर पल तुम्हारे पास रहना है
चलो वक़्त तुम्हारा इम्तहान लेने वाला है
हमें दुआ रब से सांस दर सांस करना है।

और अंत में
चली गयी हो रुठ के जबसे दिल कितना एकाकी है
जान तो कबकी चली गई है सांस का जाना बाकी है

Saturday, February 29, 2020

चले आओ चले आओ, सुस्वागतम


कर्तव्य पथ की तुमने हर जिम्मेदारी पूरी की
बधाई हो तुम्हें।

लक्ष्य की ओर बढ़ने का तनाव
असमय रातों में जगना
जागती उनींदी आँखें
और फिर परिणाम की घबराहट के साथ
महीनों की मेहनत भरे आशा के बीज
लो आज पूर्ण रूप से रोप दिए तुमने
रोप दिए तुमने अपनी मेहनत के मोती
अब सफलता के पौधों को उगना ही पड़ेगा
महीनों की अधूरी नींद होगी
उत्साह में विश्राम होगा
तो करो विश्राम हम लोरी सुनाते हैं
वहाँ तुम सुनो यहाँ हम गुनगुनाते हैं
यहां भी बिन तेरे कुछ रास न आता
चले आओ तुम्हे हम सब बुलाते हैं
बुलाता है तुम्हे मौसम सुहाना तुम इसे कर दो
उजड़ता जा रहा गुलशन फूलों से इसे भर दो
हवा भी चाहती है अब महकना गंध से तेरे
डगर बेताब है कितनी कदम अब चूम लेने को
तुम्हारे बिन परिंदे भी चहकना भूल बैठे हैं
भोर की किरण व्याकुल है झलक इक देख लेने को
चले आओ कि तुमको फ़ाग संग होली बुलाती है
तुम्हारा गांव वो बचपन की टोली बुलाती है
आम के बौर बाग़ की कोयल बुलाती है
मम्मा की ममता अम्मा की लोरी बुलाती है
बुलाते हैं पुराने पल पुराना द्वार का दीपक
बुलाता है तुम्हें आंगन गांव की मिट्टी बुलाती है
तुम्हारे नाम लिखकर जिसे हम दे नहीं पाए
सजोया है जिसे वर्षों वो चिट्ठी बुलाती है
रुआँसा कण्ठ ये मेरा बुलाती हैं भरी आँखें
चले आओ कि तुमको सदाए बुलाती हैं
गुज़ारिश चांदनी करती तुम्हे तारे बुलाते हैं
वफ़ाएँ बुलाती हैं तुम्हे दुआएं बुलाती हैं
चले आओ चले आओ वास्ता है तुम्हें रब का
वास्ता है तुम्हें रब का चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ कि प्रतीक्षा में खड़े हैं हम
चले आओ चले आओ कि स्वागत में बिछे हैं हम
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ
सुस्वागतम सुस्वागतम सुस्वागतम सुस्वागतम
वन्दनम वन्दनम वन्दनम वन्दनम
अभिनन्दनम अभिनन्दनम अभिनन्दनम अभिनन्दनम।
तुम्हारा
सुमित

Tuesday, February 18, 2020

Best of luck


चलो अब मैं करूँ कुछ यूं तुम्हारी याद में खोकर
वही मंगल पुराने दिन हंसी जज्बात में खोकर
तरक्की की तरफ़ तेरा कदम तुझको फले फूले
सुमित मैं पास आ जाऊं तेरे अहसास में खोकर

परीक्षा के प्रथम दिन की हृदयतल से बधाई है
तेरी खातिर जुबां पर फिर वही अरदास आयी है
हुआ भी क्या अगर आंखें हुई मेरी सुमित गीली
दुआ दिल में जो बैठी थी छलक आंखों से आयी है

काश मैं तुम्हारे आने से पहले वहां खड़ा रहता
तुम्हारे निकलने पर भी मैं बस वहीं खड़ा मिलता
काश ऐसे ही चला करता बराबर समय का पहिया
पहले सबेरे खड़ा रहता था अब दोपहर को खड़ा रहता

तड़प तब भी थी तुम्हारे लिए
तड़प अब भी है तुम्हारी लिए
फर्क बस इतना है सुमित,
पहले तुम्हारे लिए कुछ कर गुजरने की तड़प थी
आज तुम्हारे लिए कुछ न कर पाने की तड़प है

Sunday, February 16, 2020

Best of luck.....


कैसी भी कठिन परीक्षा हो निज साहस को मत खोना तुम
नरवसता के हीन विचारों से किंचित भयभीत न होना तुम
पथ कठिन जरा है तो क्या?तुम लक्ष्य भेदने निकले हो
संकल्प की मिट्टी में हर क्षण विश्वास के दाने बोना तुम

कई वादे कई कसमें कई रस्मों को तोड़ा है
नई मंजिल की चाहत में कई राहों को मोड़ा है
उठो थोड़ा सज़ग होकर तुम्हे आगे को जाना है
इसी खातिर सुमित तुमने भरा परिवार छोड़ा है

तेरा वो रूप प्यारा सा भुलाऊं तो भला कैसे
तेरे कुछ गीत हैं तुझको सुनाऊं तो भला कैसे
सुमित यादें जगाती हैं तेरी अब रातभर मुझको
तुझे सपनों की दुनियां में बुलाऊं तो भला कैसे

तेरी यादों के सहारे एक ज़माने से जिन्दा हूं
आज भी बस तेरी मोहब्बत का नुमाइंदा हूं
लगता है तुम्हें मेरी जरूरत सी हुई है सुमित
मगर मैं दूर हूं तुमसे इस बात से शर्मिन्दा हूं

अभी तुमसे हमे बस ये बात कहना है
अहसास में हर पल तुम्हारे पास रहना है
चलो वक़्त तुम्हारा इम्तहान लेने वाला है
हमें दुआ रब से सांस दर सांस करते रहना है।


Friday, February 7, 2020

Rose day special

झुकती पलकों के सवालों का जवाब कैसे दूं
ज़िगर से रूह में उतरी मोहब्बत का हिसाब कैसे दूं
बेला चमेली गुलाब इन तमाम फूलों की रंगत है वो
उसे तोहफे में 'सुमित' अब अकेला गुलाब कैसे दूं

Saturday, January 4, 2020

Happy new year 2

नए वर्ष का आगमन हो गया है, आपको नववर्ष की हृदय से अनन्त शुभकामनाएं, जीवन की हर परीक्षा में ईश्वर आपको सफल करें। आपका जीवन सदैव फूल की तरह महकता और मुस्कुराता रहे।आपको नववर्ष की बधाई अपनी एक पुरानी कविता के माध्यम से समर्पित करता हूँ जिसे आपके लिए मैंने पिछले वर्ष लिखी थी।और यह मुझे भी अति प्रिय है।
पुनः नववर्ष मंगलमय हो।

नित प्रेरणा का संगम और हर्ष दे तुम्हें।l
जग में अनेक खुशियाँ नव वर्ष दे तुम्हें।।

सूरज की चमक संग संग चन्दा का रूप हो,
तारों से सजा आंगन अम्बर स्वरूप हो,
हो चांदनी का साया न गम की धूप हो,
अनुकृति रहे असम्भव अनुपम अनूप हो,
मान संग प्रसिद्धि उत्कर्ष दे तुम्हें।
जग में अनेक खुशियां नव वर्ष दे तुम्हें।

चितवन में बाँकपन और चेहरा ग़ुलाब हो,
फूलों को लजाता हुआ यौवन शबाब हो,
होंठों की हंसी तेरी नित लाज़वाब हो,
हो शायरी मेरी तुम शायर का ख़्वाब हो,
तन मन में दे मधुरता प्रहर्ष दे तुम्हें।
जग में अनेक खुशियां नव वर्ष दे तुम्हें।।