Thursday, February 4, 2021

लो तुमने कर ली मुझसे बात

 लो तुमने कर ली मुझसे बात

मन सरोज बेमौसम खिल गया महक उठे जज़्बात

जो तुमने कर ली मुझसे बात

हां तुमने कर ली मुझसे बात


एक प्रतीक्षा में दिन बीते कल परसों और बरसों

प्रेम के घन घिर फिर छाए है फिर से मेघा बरसो

स्वप्न तुम्हारे नयन हमारे देख रहे दिन रात

लो तुमने कर ली मुझसे बात


प्रीत गगन में चंचल चंदा चलता चला अकेला

एकाकी मन में यादों का पुनि पुनि लगता मेला

शहद संलिप्तित बोल तुम्हारे दे गए नयी सौगात

लो तुमने कर ली मुझसे बात


याद तुम्हें भी तो कुछ होंगी भूली बिसरी यादें

अधरों पर आकर रुक जाती होंगी मन की बातें

न कहकर भी कह देते हो हूं 'सुमित''तुम्हारे साथ

लो तुमने कर ली मुझसे बात


गंध तुम्हारे तन की संग संग पवन बहाकर लाई

तेज तुम्हारे रूप से लेकर भोर किरण मुस्काई

फूल खिले उपवन मुस्काए कोयल छेड़े राग

लो तुमने कर ली मुझसे बात