Monday, January 14, 2019

मसला ये नहीं.....

                         Sumit patel.     


तन्हा ज़िन्दगी के सवालों का जवाब देखा था।
तुम्हारी आँखों में मैंने इश्क़ का सैलाब देखा था।

फ़ुरसत से मिलने की तुम्हें फ़ुरसत हो तो बताऊँ,
ख़्वाबों में भी मैंने बस तेरा ही तेरा ख़्वाब देखा था।

मेरे इश्क़ के ज़ुनून को अब जिद कहते हो,याद करो,
इसीको मैंने तेरी,तूने मेरी आँखों में बेहिसाब देखा था।

मसला ये नहीं कि तुम मुझको भूल क्यों गए"सुमित",
मसला ये है कि तुमने मुझमें क्या क्या खराब देखा था।।


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