Monday, July 30, 2018

महक तेरी किधर नहीं।

       
                                       SUMIT PATEL
घर वही दर वही
नगर वही डगर वही
तय हुआ था जो कभी
है अभी सफर वही
मैं वही नजर वही
तीर वही जिगर वही
ख़ुशबू भरी वादियों में
महक तेरी किधर नहीं।

Friday, July 20, 2018

अधर चुप रहेंगें मगर बात होगी!!!


                                   SUMIT PATEL
कभी मेरी तुमसे मुलाकात होगी।
अधर चुप रहेंगें मगर बात होगी।।

नयन कुछ कहेंगें नये भाव लेकर,
कहो क्यूं गये तुम मुझे घाव देकर।
आँखों से तेरे भी बरसात होगी।
अधर चुप रहेंगें मगर बात होगी।।

ये कलियां ये भौरें ए उपवन,दरीचा,
हैं साक्षी तुम्हें मैंने सन्दल से सींचा।
महक इनकी तेरे सदा साथ होगी।
अधर चुप रहेंगें मगर बात होगी।।

स्मृतियां पुरानी ज़हन में जगेंगीं ,
मेरी  वफ़ा  की  कहानी कहेंगीं ।
खमोशी भी मेरी,तुमसे सवालात होगी।
अधर  चुप  रहेंगें मगर  बात होगी ।।

प्रतीक्षा की बातें मन का दर्पण कहेगा,
यादों  के  मोती  भी  अर्पण  करेगा ।।
मेरी आँखों में आंसू तेरी सौगात होगी।
अधर  चुप  रहेंगें  मगर  बात  होगी ।।

कभी मेरी तुमसे मुलाकात होगी।
अधर चुप रहेंगें मगर बात होगी ।।

Wednesday, July 4, 2018

तुम फिर नहीं आए।

       
                               SUMIT PATEL

लाख जतन करके ये दिल तुमको बुलाए,
आंखे  भी तेरी राह  में पलकें हैं बिछाए ,
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।

रुत भी बड़ी हसींन, हैं रंगीन नज़ारे ,
हैं प्यार का पैगाम मेरे, चाँद सितारे ,
बादल भी तेरी याद के बरसात ले आए।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।

स्वाति की एक बूंद को चातक जो निहारे,
वैसे ही मेरे दिल की सदा तुमको पुकारे।
देखो कि  मेरी आस  कहीं टूट न जाए ।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।

प्रीत भरी रीति तेरी , मुझको निभानी,
गाऊं मैं तेरे  गीत लिखूं तेरी  कहानी ,
आ जाओ मिलके सुर से ताल मिलाएं।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।

कैसे ये कहूं तुझसे कितना प्यार किया रे,
तन  मन  भी  तेरे वास्ते  निसार  किया रे ,
बाकी  बची है जान, कहीं  जान न जाए ।
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।।

जिसमें ख़ुशी हो तेरी वही काम किया रे ,
रखना इसे संभाल के दिल तुझको दिया रे,
आँखों ने तेरे ख़्वाब के सपनें हैं सजाए ।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।

लाख जतन करके ये दिल तुमको बुलाए,
आंखे  भी तेरी राह  में पलकें है बिछाए ,
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।।