SUMIT PATEL
लाख जतन करके ये दिल तुमको बुलाए,
आंखे भी तेरी राह में पलकें हैं बिछाए ,
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।
रुत भी बड़ी हसींन, हैं रंगीन नज़ारे ,
हैं प्यार का पैगाम मेरे, चाँद सितारे ,
बादल भी तेरी याद के बरसात ले आए।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।
स्वाति की एक बूंद को चातक जो निहारे,
वैसे ही मेरे दिल की सदा तुमको पुकारे।
देखो कि मेरी आस कहीं टूट न जाए ।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।
प्रीत भरी रीति तेरी , मुझको निभानी,
गाऊं मैं तेरे गीत लिखूं तेरी कहानी ,
आ जाओ मिलके सुर से ताल मिलाएं।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।
कैसे ये कहूं तुझसे कितना प्यार किया रे,
तन मन भी तेरे वास्ते निसार किया रे ,
बाकी बची है जान, कहीं जान न जाए ।
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।।
जिसमें ख़ुशी हो तेरी वही काम किया रे ,
रखना इसे संभाल के दिल तुझको दिया रे,
आँखों ने तेरे ख़्वाब के सपनें हैं सजाए ।
तुम फिर नहीं आए,तुम फिर नहीं आए।।
लाख जतन करके ये दिल तुमको बुलाए,
आंखे भी तेरी राह में पलकें है बिछाए ,
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।
तुम फिर नहीं आए, तुम फिर नहीं आए।।
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