Wednesday, June 27, 2018

देख लो तुम पलट कर, सँवर जाएँगें।


                                  SUMIT PATEL


इस तरह हम वफ़ाएं निभा जाएंगें,
तुम कभी भी बुलाओ चले आएंगें।
ज़िन्दगी में तुम्हारी ख़ुशी के लिए ,
जो भी करना पड़े कर गुज़र जाएंगें।।

तेरी  चाहत में  हद  से गुजर  जाएंगें ,
देखना तुम कभी हम भी याद आएंगें।
आईने में कभी खुद को देखोगी जब,
तेरी  सूरत  में भी  हम  नज़र आएंगें।।

छोड़कर तेरे दर को किधर जाएंगें,
तुम जो ऐसे करोगे तो मर  जाएंगें।
मेरा तुझपर है  साथी भरोसा बहुत,
देख लो तुम पलट कर सँवर जाएंगें।।

देखो अरमां संजोकरके हम लाएं हैं,
तेरी यादों  को  रोकरके हम गायें हैं।
यूं न  रूठो चलो  मान जाओ प्रिय ,
हम  तुम्हीं को  मनाने चले आयें हैं।।

तेरी चाहत के बादल सनम छायें हैं,
मेरी आँखों से आंसू निकल आयें हैं।
तुम जो चाहो मैं कर दूँ समर्पित तुम्हें,
गीत  जितने  तुम्हारे  लिए  गायें  हैं।।

होंठ ख़ामोश मन से नजऱ कह गई,
नदी कुछ तो ठहरती लहर  बह गई ।
जीत  कि हार हो, सब गंवारा किया,
जान कब  की गई ज़िन्दगी रह गई ।।

देखो जोरों से चलती हवा कुछ कहे,
किससे मिलने को इतनी आतुर बहे।
आसमां में ये उड़ते जो बादल चलें ,
तुम सुनों, तुमसे  मेरी  कहानी कहें।।

2 comments:

  1. बहुत ही सुंदर और मर्मस्पर्शी रचना.....
    🌼🌼🌼👌👌👌🌷🌷🌷🙏

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