Sunday, June 3, 2018

तेरे चरण छूकर मुझे खुद में परफेक्शन नजर आता है।


जल्दबाजी भरे एक्शन का रिएक्शन नजर आता है,
अभी भी जिन्दा है,मरा नही, करेप्शन नजर आता है।।

रंग फिर से मज़हब के रंग में रंग गये साहब, देखो,
कहीं दूर उधर, बड़ी दूर इलेक्शन नजर आता है  ।।

आँख वालों की रेवड़ी छीनकर यहां अंधे खाते हैं ,
दलों में भाई भतीजेवाद का सेलेक्शन नजऱ आता है।।

न करना तुम यहां तमाशा ,सपनों का अरमान टूटेगा,
किसी बिटिया की शादी में तुम्हें फ़ंक्शन नजर आता है।।

आओ देखें देश की खातिर,नेताओं नें क्या क्या पचाया है,
कोयला,चारा तो छोड़ो विधवा पेंशन तक नजर आता है।।

इतना थोड़ी घबराते हैं, मुश्किलें आई हैं तो हल भी होंगी,
चलो छोड़ो भी मियां, ये जो चेहरे पर टेंशन नज़र आता है।।

चलो लौट चलें पीपल,बरगद,नीम, महुआ,आम के गांव ,
बाद में मत कहना कि शहर में पॉल्यूशन नजर आता  है।।

तुझसे क्या मिले , मेरा अधूरापन मिट गया मेरे ईश्वर ,
तेरे चरण छूकर मुझे खुद में परफेक्शन नज़र आता है।।

बुजुर्गों का सम्मान करना ही जवानी की रवायत है'सुमित'
माँ - बाप की दुवाओं में मुझे प्रोटेक्शन नज़र आता है ।।
     
              -     सुमित पटेल

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