Monday, June 18, 2018

तेरी यादों के जंगल में, भोर का इंतजार करना है।


                        -         SUMIT PATEL

मोहब्बत के रास्ते में जब तन्हा हो जाते हैं,
हम बस तेरी यादों के जंगल में खो जाते हैं।।
विशाल देवदारु सा तुम्हार विशाल प्रेम
हृदय की भूमि पर रोज़ रोज़ बढ़ता जाता है,
तुम्हारी नीली आँखों की चंचलता देख,सुन्दर
हिरन का जोड़ा भी लज्जित हो जाता है ।
तुम्हारे शहद में लिपटे मिश्री से मीठे बोल, सुन
कोयल ईर्ष्या से नित नित काली होती जाती है
लरज़ते हुए तुम्हारे गुलाबी होंठों ने, वादियों में
कलियों के खिलने का भरम ही तोड़ दिया।
तुम्हारा होंना हमारे साथ दुनिया को अच्छा न
लगा, तेरे बाद ये जमाना भी छोड़ गया।।
लहराते केश तेरे, बादल बन उमड़कर आसमां
पर छाने वाले है,
तेरी यादों के जंगल में मेरी आँखों से आंसू
बरसने वाले हैं।
देख तेरी यादों के जंगल में अभी भी हरे हैं, कुछ
वफ़ा के पेड़ जो हमने लगाये थे,
सन्नाटा छाया है, पर ध्यान से सुनो, सुनाई देंगें
जो गीत तुम्हें, मैंने सुनाए थे।
"सुमित" तेरी यादों के जंगल में आशा के तीर से
खुशयों का शिकार करना है,
तेरी यादों के जंगल में काली रात हुई,तेरी यादों के
जंगल में अब भोर का इंतजार करना है।।

अब भोर का इंतज़ार करना है।।।।।

No comments:

Post a Comment