Friday, June 8, 2018

अब भी क्या मजबूरी है।


बड़े गर्व से संघर्ष विराम का फरमान सुना दिया,
भारतीय सैनिकों के संघर्ष को और बढ़ा दिया ।
संघर्ष पर विराम तो नहीं लगा पाए आप, साहब
विराम,अपने ही जवानों के जीवन पर लगा दिया।।


भैंस के आगे बीन बजाना साहब जी अब ठीक नहीं,
अबके भी यदि चूक गए तो आगे फिर उम्मीद नहीं।।

आतंकी पागल कुत्तों का अब मरना बहुत जरूरी है ,
चार साल तो बीत गए पर अब भी क्या मजबूरी है ।।

कुछ काम अभी जो बाक़ी हैं उनको तो करना होगा,
घायल भारत माता के हर घावों को भरना होगा।।

छोटा सा एक सूअर पड़ोसी नित आँख दिखा गुर्राता है
तुम कहते हो दुनिया भर में भारत का परचम लहराता है।।

ये बात मान भी सकते थे यदि पाकिस्तान सधा होता  ,
वीर जवानों की क़ुरबानी का बदला अगर लिया होता  ।।

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