- SUMIT PATEL
उम्मीद बस तुमसे बंधी है,
आस भी तुमसे लगी है ।
आंधियां निर्लज्ज होकर,
दीपक बुझाने को तुली हैं।
दीप की लौ को बचाने ,
उम्मीद का रिश्ता निभाने,
आस को विश्वास करने ।
मुझे भरोसा है, तुम जरूर आओगे।
लेकिन, देखो देर मत करना ।।
आँख ने आंसू बहाएं हैं,
प्रीत के मोती लुटाए हैं ।
रात अंधेरी है तो क्या ,
सितारे तो साथ आएं हैं।
आंसू का मान रखने,
प्रीत का सम्मान करने,
रात को उजियार करने।
मुझे भरोसा है, तुम जरूर आओगे।
लेकिन , देखो देर मत करना ।।
"सुमित', देखो देर मत करना ।।
उम्मीद बस तुमसे बंधी है,
आस भी तुमसे लगी है ।
आंधियां निर्लज्ज होकर,
दीपक बुझाने को तुली हैं।
दीप की लौ को बचाने ,
उम्मीद का रिश्ता निभाने,
आस को विश्वास करने ।
मुझे भरोसा है, तुम जरूर आओगे।
लेकिन, देखो देर मत करना ।।
आँख ने आंसू बहाएं हैं,
प्रीत के मोती लुटाए हैं ।
रात अंधेरी है तो क्या ,
सितारे तो साथ आएं हैं।
आंसू का मान रखने,
प्रीत का सम्मान करने,
रात को उजियार करने।
मुझे भरोसा है, तुम जरूर आओगे।
लेकिन , देखो देर मत करना ।।
"सुमित', देखो देर मत करना ।।
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