हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई।
SUMIT PATEL
जग के मस्तक पर राज रही भारत के माथे की बिंदी है,
शब्दों का सामर्थ्य अनन्त, रसभरी, सुपावन हिंदी है।
उच्चारण संग लिए व्याकरण मन हर्षित कर जाती है,
खुसरो, मीरा, सूर, जायसी नित मोती नये लुटाती है।
दिनकर पन्त निराला नीरज गाते गाते कह जाते हैं ,
मानवता की एक धरोहर माँ हिंदी तुमको शीश झुकाते हैं।
You you कह इठलाती दुनिया समझो तो अभिशाप है,
आओ दिखलाएं हिंदी में 'तुम' के संग संग आप है ।
गंगा जैसी पावनता इसकी, सुंदरता में कालिंदी है,
शब्दों का सामर्थ्य अनंत,रसभरी सुपावन हिंदी है।।
SUMIT PATEL
जग के मस्तक पर राज रही भारत के माथे की बिंदी है,
शब्दों का सामर्थ्य अनन्त, रसभरी, सुपावन हिंदी है।
उच्चारण संग लिए व्याकरण मन हर्षित कर जाती है,
खुसरो, मीरा, सूर, जायसी नित मोती नये लुटाती है।
दिनकर पन्त निराला नीरज गाते गाते कह जाते हैं ,
मानवता की एक धरोहर माँ हिंदी तुमको शीश झुकाते हैं।
You you कह इठलाती दुनिया समझो तो अभिशाप है,
आओ दिखलाएं हिंदी में 'तुम' के संग संग आप है ।
गंगा जैसी पावनता इसकी, सुंदरता में कालिंदी है,
शब्दों का सामर्थ्य अनंत,रसभरी सुपावन हिंदी है।।
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