Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Saturday, May 18, 2019
वक़्त भी अब
अज़ीब बात है 'सुमित' तुम कितने बदहवाश रहते हो,
जो दिल में बैठा है उसके फ़ोटो की तलाश करते हो।
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