सांसों में ख़ुशबू बन छाओ,
अंधियारा है दीप जलाओ,
तुमको आँखें पल-पल तरसें
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ।।
सूना मन का कोना कोना
बिन आंसू आँखों का रोना
जाने कैसे टूटा खिलौना
टूटा खिलौना सुलझा जाओ
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ
तेरे ख्यालों का पर्वत चढ़ना
मन में एक छवि बस गढ़ना
जाने क्या क्या लिखना पढ़ना
अपने गीतों को गा जाओ
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ।
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ।।
सांसों में ख़ुशबू बन छाओ,
अंधियारा है दीप जलाओ,
तुमको आँखें पल-पल तरसें
हाँ तुम ऐसे में आ जाओ।।
No comments:
Post a Comment