Happy diwali
प्रकाश के पर्व दीपावली की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। आज के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे। सभी अयोध्या वासियों ने घी के दिये जलाकर उनका स्वागत किया था। आज भी जो लोग घर से दूर रहते हैं आज के दिन घर लौट आते हैं। लेकिन आप शायद इसबार नहीं आने वाले हैं, कोई बात नहीं कुछ जरूरी काम होते जिन्हें करना आवश्यक होता है। हम दीपों से आपके नाम की रंगोली बनाकर आपके लिए शुभकामना करेंगें, हो सके तो आप भी मेरे नाम के पहले अक्षर का एक दीप माला बनाने का प्रयास करना,ये न हो सके तो चुपके से एक दीपक मेरा नाम लेकर जलाकर अपने से करीब कहीं रख देना। सम्भवतः मैं आपकी आदतों से पहले से परिचित हूं, आजकल आप कुछ परेशान से होगे काम का बोझ होगा सफ़ल होने की अनेक चुनौती होगी। पर आप घबराना नहीं, हौसला बुलन्द रखना जीत बस आपकी ही होगी। अक्सर इस महीने में आपको जुक़ाम हो जाया करता था थोड़ी सावधानी रखिएगा।क्योंकि यदि स्वास्थ्य खराब हो तब लक्ष्य की ओर बढ़ने में अनेक अड़चनें आती हैं।सुबह सुबह रोज योगा करने का प्रयास करना ताकि मस्तिष्क स्वस्थ रहे, उदास होने पर मेरी कविताएं पढ़ लिया करना,केवल आपकेलिए ही लिखा है इन्हें। और मैं कर भी क्या सकता हूँ आपके लिए, एक बात और पिछली बार नाराज़ होकर आपने मिठाई भी नहीं खिलाई थी, इस बार ऐसा मत करना। इकट्ठे दोनों बार की उम्मीद में हूं तोड़ मत देना। काश ये चिट्ठी आज ही आपको मिल जाती तो बहुत अच्छा होता अन्यथा जब कभी भी आप इसे पढ़ोगी ये चिट्ठी सार्थक हो ही जाएगी। एक बार फिर से हैप्पी दीवाली, I love you, I miss you, लो हिम्मत करके लिख दी मैने चिट्ठी आपके नाम की बिना आपका नाम लिखे हुए।
आपका
सुमित पटेल
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