Thursday, May 24, 2018

बुच्ची भर ही सही, तू मुझे प्यार करती तो होगी।

प्रेम शिकायत नहीं समर्पण तथा प्रतीक्षा का नाम है, अपने प्रिय पर स्वयं समर्पित होकर बस प्रतीक्षा कीजिए। स्मृतियों को मानसपटल पर दोहराते रहिए।

बढ़ती दूरियों का मन ही मन अहसास करती तो होगी,
बातों बातों ही सही किसी से मेरी बात करती तो होगी ।

मेरे शेर सुनकर,आँखों में चमक, दांतो में कलम लेकर,
मुस्कराते होंठों से, 'मतलब'? कहकर टोकती तो होगी।

बेबस होगी तू भी, जो हमें भूलने की बात करती है ,
यादों को मेरी अपने जहन में आने से रोकती न होगी।

यूं मेरा चेहरा दिख जाता होगा तुझे तेरी सूरत में अक्सर,
तू दर्पण के आगे देर तक खुदको निहारती तो होगी।

दूर हूं, टूटा हूँ और जिन्दा भी हूँ ये ताज्जुब की बात है,
यकीनन मेरी सलामती की दुआ रब से करती तो होगी।

मुझसे किया एक वादा तब उसे बहुत अखरता होगा,
किसी के बालों को सँवारकर चोटी करती जो होगी ।

पता है?दो सौ प्रतिशत भरोसा जताती थी मुझपर,
एक दो प्रतिशत भरोसा अब भी तू करती तो होगी।

फोनवा कहां रख लेते हो, तेरे बाद जो दोहराती थीं,
वो तेरी सहेलियां मेरे नाम से तुझे चिढ़ाती तो होंगी,

मेरे जिस प्यार के चित्र में तुमने कुछ रंग भरे थे प्रिय ,
दिल के पन्नों पर बनाकर यादों के रंग भरती तो होगी।

वो तेरा खिलखिलाता चेहरा मेरे मन की धरोहर है ,
टॉम रैमजे की कहानी पर तुझे हंसी आती तो होगी ।

Your love is boundless for meतुमने कहा था,
पता है! बुच्चीभर ही सही,तू मुझे प्यार करती तो होगी।
                                                 सुमित पटेल

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