Saturday, February 9, 2019

गाता हूँ माँ महिमा तेरी शब्दों पर अधिकार बंधा दो।


                        Sumit patel

अम्बे तेरी माया न्यारी भक्ति का संसार दिला दो।
गाता हूं माँ महिमा तेरी शब्दों पर अधिकार बंधा दो।
माया के इस मद के कारण जन जन में कटुता फैली,
सबमें प्रेम जगाकर मैया मानवता की राह दिखा दो।।

सकल चराचर बालक तेरे तुमही जग की जननी हो।
छाया बनकर छाया करती तुम ही असुर मर्दनी हो।
क्षमा दया के संग में माता साहस धीरज शौर्य जगा दो।
गाता हूं माँ महिमा तेरी शब्दों पर अधिकार बंधा दो।।

श्वेत वसन  कर माला वीणा  करती हंस सवारी माँ।
हाथ जोड़कर विनती करते सुन लो अरज़  हमारी माँ।
बुद्धि प्रदाता हे जग माता उर में ज्ञान की ज्योति जला दो।
गाता हूं माँ  महिमा तेरी  शब्दों पर अधिकार बंधा दो।।

No comments:

Post a Comment