Saturday, February 2, 2019

तेरा ज्ञान भी मस्त हो विज्ञान भी मस्त हो

                        Sumit patel


महकती फ़िज़ाओं के आलम में,
मस्त रहे तेरा फूल सा जीवन।
मस्त हो फ़ागुन की पुरवाई तेरी,
मस्त रहे तेरा हर एक सांवन।

मस्त रहे तेरे उल्टे हाथ की लिखावट।
रहे मस्त तेरे मासूम चेहरे की बनावट।
मस्त रहे वो आँगन जहाँ तेरे कदम पड़ जाएं,
मस्त रहे हमेशा तेरी ज़िन्दगी की सजावट।।

तेरा खिलखिलाकर हंसना सदा मस्त रहे।
वो क़ातिल मुस्कान तेरी और भी मस्त रहे।
मस्त रहे तेरी नज़रों का मुझसे नाराज होना,
मुझसे दूर होकर तेरा हर एक पल मस्त रहे।।

मस्त रहे हर वो शक़्स जिसे तेरी झलक मिले।
मस्ती ही मस्ती जहाँ में तुझे दूर तलक मिले।
मस्त रहे ज़माने में मेरी जान तेरा अल्हड़पन,
मुझे भी मस्ती भरी तेरी याद की अनहलक मिले।।

तेरा आत्म गौरव स्वाभिमान मस्त हो।
जीवन की हर एक दास्तान मस्त हो।
ऐ ख़ुदा मस्त हो तेरा हर एक करिश्मा,
अंग्रेजी तो ठीक है विज्ञान भी मस्त हो।।

मेरा क्या! मेरी जान मैं भी तेरी मस्ती में मस्त रहूँ।
रात दिन तेरी सुहानी फूल सी यादों में व्यस्त रहूँ।
तुझे मनाने को क्या क्या जतन न कर डाला"सुमित"
आगे भी बस तुझको ही लिखने में अभ्यस्त रहूँ।।



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