Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Saturday, December 15, 2018
तेरे सपने देखता
Sumit patel
हल्के में मत लीजिए यूं जीवन को मित्र।
जाने बदले कब यहां,अपने अपने चित्र।।1
तेरे सपने देखता, दिल मूरख दिन रैन।
तेरी सुधि हो जहां, मिलता इसको चैन।।2
तू है तो ये जिंदगी , मुझपे है आसान।
जान न पाए जानके, जान हुए अनजान।।3
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