Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Saturday, December 8, 2018
सजा दे जिन्दगानी या सज़ा दे साथिया
Sumit patel
मुझसे जो ख़ता हुई बता दे साथिया,
मीठी मीठे बोल फिर सुना दे साथिया।
फेरी क्यों निगाहें कुछ वजह दे साथिया,
सजा दे जिन्दगानी या सज़ा दे साथिया।।
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