Saturday, December 1, 2018

मैं भारत का किसान हूँ

                        Sumit patel


मैंने कहा तेल का दाम बढ़ रहा है,
वो बोले देश भी तो बढ़ रहा है,
मैंने कहा रसोई गैस के मामले में क्या ख्याल है,
वो बोले ये विपक्षी दलों की चाल है।
महंगाई में बाज़ार है तो कुछ असर तो होगा ही,
मैंने कहा सुना है सोना भी चढ़ गया है,
टीवी,फ़्रिज,वाशिंगमशीन का दाम भी बढ़ गया है,
फ़र्जी के सर्टिफ़िकेट,चुनाव के टिकेट,दाढ़ी के ब्लेट
खेतों की यूरिया,गेहूं के बीज,बिजली के बिल।
पुलिस की घूस,जंगलात का हफ़्ता,होटल की टिप
बाइक का रजिस्ट्रेशन,पंचर वाला सुलेशन,
दांत का मंजन,आँखों का अंजन,खुजली का लोशन,
तहसीलदार की अकड़,सी ओ की पकड़,बेईमानी की जकड़।
सबका रेट हाई है,
महंगाई ही महंगाई है।
वो गुस्से से लाल होकर चौंके,
कुत्ते की माफ़िक़ मुझ पर भौंके,
बोले, बेवकूफ़ परमानेंट हो,
अंड बंड संट हो,
लगता है विरोधी पार्टी के एजेंट हो,
विकास हो रहा है पर तुम नहीं देख पाओगे,
देखना,अच्छे दिन आएंगे तब मान जाओगे,
माना कि कुछ चीजों का रेट बढ़ता जा रहा है,
पर देश भी तो बुलन्दी की सीढ़ियां चढ़ता जा रहा है।
मैंने भी हिम्मत दिखाई,
उनकी आँखों से आँखें मिलाई,
और कहा, साहब
आप भी न जाने क्यों एजेंट की माँ बहन कर रहे हो,
एक ज़ाहिल की तुलना एजेंट से कर रहे हो,
माँ कसम कभी किसी भी पार्टी ने मुझे
अपना एजेंट नही समझा,
सभी दलों के लिए समान हूं किसी ने भी मुझे
डिफरेंट नहीं समझा,
मैं वो हूं जिसकी जिंदगी दमा,मलेरिया,खांसी है
मैं वो हूं जिसे हर रस्सी में दिखती फांसी है,
मैं वो हूं जिसके गन्दे कपड़े देख अधिकारी
केबिन से दुत्कार देते हैं,
कभी यदा कदा इलेक्शन वेलेक्शन के मौके पर
नेता पुचकार देते है,
मैं वो हूँ जिसने सदियों से सर्दी,गर्मी,
बरसात झेला है,
मैं वो हूँ जिसके चारों ओर गमो का मेला है,
मैं वो हूँ जिसका बेटा इलाज़ के अभाव में
दम तोड़ देता है,
मैं वो हूँ जिसपर छोटी सी बात पर सिपाही 
अपना डंडा छोड़ देता है,
मैं वो हूँ जो विकास की आस में रोज बिकता
गया हूं,
अच्छे दिन के प्रलोभनों में फंसकर साबुन सा 
घिसता गया हूँ,
कभी तो सिद्ध हो जाएगा कि मैं भी
इंसान हूँ,
हालांकि मुझे अब भी गर्व है कि मैं
भारत का किसान हूँ।
चलो मैंने भी मान लिया चीजों के दाम बढ़ने से देश
बुलंदियों की सीढ़ी चढ़ रहा है,
"सुमित" यदि गन्ने का भी कुछ रेट बढ़ जाता,
तो क्या देश बुलंदियों की सीढ़ी से गिर जाता?

No comments:

Post a Comment