Sumit patel
इश्क़ की नाज़ुक राहों मेरे हौंसले को परवाज़ देना।
शामोसहर पुकारता जाता हूं उनको ये आवाज देना।।
शामोसहर पुकारता जाता हूं उनको ये आवाज देना।।
जिन्दा रहने के लिए भरोसा जिन्दा रहना जरूरी है,
मैंने कब कहा तुझसे ऐ खुदा मुझे तख़्तोताज़ देना।।
तुझे फ़रिश्ता मानकर रख दिया सर तेरे क़दमो में,
तेरी मर्जी चाहे उबार देना या धड़ से उतार देना ।।
तुम्हारी मोहब्बत के परदे पर कुछ शीन हमारे भी हैं,
क़िरदार में वफ़ादारी मिले तो मोहब्बत से नवाज़ देना।।
तुम्हारे हवाले किया लो तुम्हारे गीत,जो मैंने लिखे हैं
दिल की इन्हें क़ैद और होंठों का अपने साज़ देना।।
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