Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Wednesday, November 14, 2018
मुझे भी याद कर लेना।
सुमित पटेल,
कभी जो घरसे निकलो तो सबक़ ये याद कर लेना,
खुद के बारे में घड़ी भर खुद से ही संवाद कर लेना।
मान रखना, मान अभिमान से तुमको ख़ुदा माना, कभी फुर्सत मिलेतो ख़ुदा मेरे मुझे भी याद कर लेना।।
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