Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Friday, November 23, 2018
चाँद में तुमसे बात करते रहे
Sumit patel
आज फिर दिल तेरे ख्यालों में खो गया ।
भरी महफ़िल तुम बिन अकेला हो गया ।
हम तो चाँद में तुमसे बात करते रहे'सुमित',
जाने कब पूरनमासी रात में सबेरा हो गया।।
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