Sumit patel , कविता की एक छोटी कलम
Friday, November 23, 2018
राहों में तेरे पलकें बिछी हैं
Sumit patel
मुझसे मोहब्बत के सबूत न मांग ऐ मेरे अहल-ए-सनम,
राहों में तेरे पलकें बिछी हैं,होंठों ने क़दमो के निशान चूमे हैं।
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