Sunday, November 18, 2018

मेरा मन तेरा है बावरिया।

                            Sumit patel


मेरे सांवरिया मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया ।
मेरे सांवरिया मेरे सांवरिया,
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया।

तेरे प्रीत की रीत निराली है,
मेरे मन की गागर ख़ाली है,
तेरी मिले झलक तो छलक छलक,
मैं भरलूं अपनी गागरिया।
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया।।

विरहन बन पुरवा आई है,
बदरी यादों की लाई है,
अब बरस जा तरस रहे नैना,
बन मिलन की प्यासी बादरिया।
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया।।

मेरे नयन तेरे आराधक हैं,
तेरे प्रेम के ही हम साधक हैं,
कुछ प्रेम बहा मेरे मनमितरे,
कर पार ज़रा मन की नैय्या।
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया।।

मुस्कान तेरी अलबेली है,
ख़ुशबू सख़ी सहेली है,
कविता बन महक उठो प्रियतम,
मैं नाचूँ बाजे झांझरिया।
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया।।


यूं हीं न तेरे दीवाने हैं,
हम आशिक़ कुछ मस्ताने हैं,
पद इधर मेरे मग में रख जा,
लूं चूम जरा पद डागरिया ।
सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
मेरा मन तेरा है बावरिया।।

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